ख़्वाब में मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह को ख़ुश देखना

आज मैंने ख़्वाब में मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह को देखा और उनसे बात की। वह आसमानी कुर्ता और सफ़ेदपाजामा पहने हुए थे और ख़ुश थे।

मैंने सादा और पुराना सा सफ़ेद कुर्ता पाजामा और उस पर स्वेटर पहन रखा था। जैसे कि अक्तूबर नवंबर में पहनते हैं। बस मैं और मौलाना ही थे और तीसरा कोई न था।

मैंने उनसे बातें कीं। उनकी बातों में एक मैसेज हो सकता है।

इसी ख़्वाब में मैंने ख़ुद को रामपुर में देखा। तारिक़ साहब मुझसे मिले। वह मुझे आया हुआ देखकर बहुत ख़ुश हुए। वह एक बड़े कमरे में स्टूल पर चढ़कर छत में कुछ काम कर रहे थे। जैसे कि घर में पेंट होता है तो लोग क़ीमती बल्ब वग़ैरह उतारते हैं। उन्होंने उसी स्टूल पर खड़े खड़े किसी को सलाह दी कि आजकल पेंट से जुड़ी चीज़ सस्ती मिल रही है, उसे ख़रीदकर रख लो और कुछ वक़्त बाद जब क़ीमत बढ़े तो उसे बेच दो। मैं रामपुर के दोस्तों से मिला। वे भी ख़ुश हुए।

उनके पीछे एक इमारत में जुमा की नमाज़ होनी थी। मैं वहां नमाज़ पढ़ने गया तो देखा कि मा शा अल्लाह इमारत नमाजियों भरी हुई है। मैंने अपने दोस्त इब्राहीम को रामपुर में देखा। जो बुलंदशहर से उनसे मिलने आए थे। मैंने इब्राहीम भाई से उनकी वापसी का प्रोग्राम पूछा। उन्होंने कहा कि वह कुछ वक़्त रूक कर वापसी का सफ़र करेंगे।

मैं मौलाना से और तारिक़ भाई अलग अलग एक ही ख़्वाब में मिला। ख़्वाब Full HD Quality जैसा क्लियर था। मुझे ख़ुशी महसूस हुई।

अल्हम्दुलिल्लाह।

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