Maulana Shams Naved Usmani Rahmatullhi alaih
ज्ञान और प्रेम 'ज्ञान की बात प्रेम से कहो।' यह मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह की एक ऐसी तालीम थी, जिसे वह हमारे सामने बार बार और बहुत ज़्यादा दोहराते थे। मैंने अल्लामा सैयद अब्दुल्लाह तारिक़ साहब के हुक्म पर आपके लिए मौलाना के बारे में यह ख़ास लेख लिखना शुरू किया तो मैंने चाहा कि शुरू में ही उनकी एक ऐसी तालीम पेश कर दूँ कि अगर आप यह लेख पूरा न पढ़ें और उनकी सिर्फ़ एक तालीम पर ही अमल कर लें तो आपकी ज़िन्दगी पूरी तरह बदल जाए। किसी अज़ीम बुज़ुर्ग की ज़िन्दगी के बारे में जानने का मक़सद यही होता है कि उनकी तालीम के नूर से हमारी ज़िन्दगी रौशन हो जाए। मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि अगर आप सचमुच मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह के नज़रिये को जानना चाहते हैं और उनकी ख़ूबियों को पहचानना चाहते हैं तो आप सिर्फ़ एक दिन, आज के दिन 'ज्ञान की बात प्रेम से कहें।' आप किसी बुलंद शख़्सियत को तभी समझ सकते हैं जब आप भी उसी चेतना (शुऊर consciousness) में जीने लगें, जिसमें वह जीते थे। मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह 'प्रेम और ज्ञान की चेतना' मे...